गढ़वा में निषाद समाज उतारेगा विधानसभा प्रत्याशी, शक्ति प्रदर्शन के लिए होगा निषाद अधिकार सम्मेलन धनबल की लड़ाई जनबल से होगा : सरयू केवट
गढ़वा :- निषाद समाज के विभिन्न संगठनों द्वारा आयोजित आगामी विधानसभा चुनाव में निषाद समाज की भूमिका एवं राजनीतिक भागीदारी के लिए स्थानीय होटल ठाकुर महल में प्रदेश स्तरीय निषाद मंथन का आयोजन हुआ। निषाद मंथन में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि निषाद समाज के कई संगठन हैं, परन्तु राजनीतिक भागीदारी के लिए हम सभी एक मंच पर आकर पूरी ताकत के साथ विधानसभा प्रत्याशी उतारेंगे। कुछ दिनों बाद शक्ति प्रदर्शन के लिए एक भव्य निषाद अधिकार सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। इस अधिकार सम्मेलन के माध्यम से और 56000 हजार मतदाताओं की बाहुल्य संख्या के आधार पर टिकट मिलना चाहिए कि नहीं, राष्ट्रीय पार्टी को चिंतन करना चाहिए और नहीं तो चिंता करने को तैयार रहिये। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बोकारो से आए नेशनल एसोसिएशन ऑफ फिशरमैन के प्रदेश महासचिव सरयू केवट ने कहा कि राष्ट्रीय मछुआरा आयोग गठन कर समस्त परंपरागत मछुआरों को लाभ देना चाहिए। चाहे वेद व्यास मछुआ आवास हो, नदी, तालाब पर मालिकाना हक हो, निषादों का अधिकार दिलाने तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा। आपको बताना चाहूंगा कि भारतीय अर्थव्यवस्था को बचाने में मछुआरों का बहुत महत्वपूर्ण योगदान है। केवल मछली उत्पादन से तथा समुंद्री उत्पाद से 40 हजार करोड़ प्रतिवर्ष का फायदा पहुंचाया जाता है। अब तक सभी राजनीतिक दलों ने हमें वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया है। अब निषाद समाज अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो गया है। उन्हें अधिकार दिलाकर रहूंगा। इस विधानसभा चुनाव में धनबल की लड़ाई जनबल से होगा। रांची से आए अनिल कुमार केवट ने कहा कि झारखंड में निषाद मतदाताओं की संख्या लगभग 50 लाख है। अगर हमारा समर्थन चाहिये तो संख्या के आधार पर हमें कम से कम 5 सीट चाहिए। हम पांचों सीट जीतकर आपके झोली में देंगे। अभी तक सदियों से हमने वोट दिया है, अब हमें वोट चाहिए। निषाद समाज को छलने वाली राजनीतिक दल को इस विधानसभा में सबक सिखाएंगे। अगर किसी भी राष्ट्रीय पार्टी से टिकट नहीं मिला तो निर्दलीय चुनाव लड़ने को तैयार हैं। झारखंड निषाद विकास संघ के केन्द्रीय उपाध्यक्ष सह डंडा प्रखंड प्रमुख वीरेन्द्र चौधरी ने कहा कि मछुआरों के जो अधिकार है चाहे एससी कैटेगरी में शामिल करने की बात हो या फिर जल जलाशय पर अधिकार की बात हो नियमानुसार सारे सुविधा मुहैया होनी चाहिए। झारखंड निषाद विकास संघ के पलामू जिलाध्यक्ष अनुज कुमार चौधरी ने कहा कि हमें किसी पार्टी से भीख में टिकट नहीं चाहिए बल्कि यह हमारा अधिकार है। वोट हमारा, राज तुम्हारा नहीं चलेगा। आरक्षण पर बोलते हुए कहा कि अन्य राज्यों की तरह झारखंड में भी मूलवासी मल्लाह, निषाद, केवट, चाईं, धीवर, कैवर्त, बिन्द, मुड़यारी, सुरहियां आदि को अनुसूचित जाति का दर्जा देना होगा। इसके लिए हमारा आंदोलन निरंतर चलते रहेगा। झारखंड मछुआरा संघर्ष समिति के केन्द्रीय सदस्य सह देवरी मुखिया रामाशंकर चौधरी ने कहा कि एक सामाजिक कार्यकर्ता होने के नाते वादा करता हूँ कि जो भी प्रत्याशी निषाद समाज के खड़े होंगे सभी को सहयोग राशि के तौर पर 10-10 लाख रुपये अपने क्षेत्र से करेंगे। मौके पर निषाद समाज के लोग तन, मन, धन से सहयोग करने को कहा। लोगों ने एकजुटता के साथ कहा कि अब हम अगुआ बनेंगे, पिछलगुआ नहीं। संचालन कर रहे महर्षि वेद व्यास परिषद विद्वत प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ कुलदेव चौधरी ने कहा कि गढ़वा पलामू के विकास के लिए निषाद समाज के साथ अन्य समाज का अपार समर्थन मिलने की संभावना है। अगर यहां की जनता धनबल की लड़ाई जनबल से लड़ना चाहती है और अपने क्षेत्र की दिशा और दशा बदलने की इरादा रखती है तो बाहुल्य संख्या वाले निषाद समाज के प्रत्याशी को अपना समर्थन देना होगा। निषाद का बेटा हर वर्ग के लोगों के लिए सेवा करने के लिए कटिबद्ध रहेगा। निषाद मंथन की अध्यक्षता सेवानिवृत रेलवे गार्ड महावीर चौधरी, संचालन डॉ कुलदेव चौधरी एवं सिकंदर चौधरी ने किया।कार्यक्रम में मुख्य रूप भवनाथपुर विधानसभा के भावी प्रत्याशी दशरथ चौधरी, डालटनगंज विधानसभा के भावी प्रत्याशी भूपेन्द्र चौधरी, वरिष्ठ समाजसेवी अम्बिका चौधरी, कमल क्लब पलामू जिलाध्यक्ष मनोज चौधरी, प्रेमलाल चौधरी, प्रसाद चौधरी, यदु चौधरी, डंडा जिला पार्षद तारा देवी, रमना उपप्रमुख रविन्द्र चौधरी, उंटारी रोड उपप्रमुख पारसनाथ चौधरी, आदर मुखिया सुदामा चौधरी, गेरुआ मुखिया अनिल चौधरी, फरठिया पंसस संजय चौधरी, जरही पंसस महेन्द्र चौधरी, महर्षि वेद व्यास परिषद के पूर्व गढ़वा जिलाध्यक्ष ब्रह्मदेव चौधरी, वर्तमान जिला अध्यक्ष संजय चौधरी, नैफ प्रदेश उपाध्यक्ष बसंत चौधरी, दामोदर चौधरी, अजय चौधरी, बचनदेव चौधरी, सुमेर चौधरी, कृष्णा चौधरी, रमेश चौधरी, चन्द्रदेव चौधरी, गोपाल चौधरी, नागेन्द्र नाथ चौधरी, लालबिहारी चौधरी, अमरनाथ चौधरी, भरदुल चौधरी, अनिल चौधरी, पंकज निषाद, प्रमोद चौधरी आदि उपस्थित थे।
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